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कृषि विज्ञान केंद्र, आईजीएनटीयू अमरकंटक द्वारा प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन

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drms news अमरकंटक (पोड़की)। कृषि विज्ञान केंद्र, अनूपपुर, इन्दिरा गांधी राष्ट्रिय जनजातीय विश्व विद्यालय, अमरकंटक द्वारा संकुल अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन, रबी वर्ष 2024-25 अंतर्गत प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन ग्राम – ठुरकी टोला में सरसों फसल एवं ग्राम – बेलगवां में मसूर फसल की उत्पादन तकनीक पर किया गया। 

प्रक्षेत्र दिवस का मुख्य उद्देस्य प्रदर्शित तकनीक को अधिक से अधिक किसानों तक पहुचाना एवं तकनीक का विस्तार करना होता है। कार्यक्रम का आरम्भ उपस्थित अतिथि गण एवं कृषकों द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। 

कार्यक्रम के संयोजक एवं प्रभारी सूर्यकांत नागरे, वैज्ञानिक (सस्य विज्ञान) ने कार्यक्रम में उपस्थित बह्पुर ग्राम पंचायत की सरपंच महोदया एवं उपस्थित किसानों का स्वागत कर कार्यक्रम की शुरुवात की। नागरे द्वारा किसानों को उन्नत किस्म का बीज उपयोग करने, बीज उपचार तकनीक, फसलों में खरपतवार प्रबंधन, पोषक तत्त्व प्रबंधन सहित तिलहन एवं  दलहन फसलों की उन्नत उत्पादन तकनीक के विषय पर विस्तार से जानकारी दी ।

​कृषि विज्ञान केंद्र, अनूपपुर, आईजीएनटीयू, अमरकंटक के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ एस.के. पाण्डे, ने संकुल अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन, योजना के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र  अनूपपुर द्वारा जिले में रबी वर्ष 2024-25 में कुल 100 हेक्टेयेर क्षेत्र में मसूर की उन्नत किस्म कोटा मसूर-2 के 250 प्रदर्शन लगाये गए है एवं तिलहन फसलों में सरसों के 80 हेक्टेयेर क्षेत्र में उन्नत किस्म RVM -1 के 200 प्रदर्शन एवं अलसी के 30 हेक्टेयेर क्षेत्र में उन्नत किस्म JLS 79 के 75 प्रदर्शन लगाए गए हैं। डॉ. पाण्डे द्वारा किसानों को तिलहन एवं दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बन्ने के लिए उन्नत तकनीक अपनाने और उन्नत किस्मों का विस्तार कर आय में वृधि करने के लिए प्रेरित किया। 

कार्यक्रम में उपस्थित ग्राम पंचायत बह्पुर की सरपंच महोदया श्रीमती बेला बाई ने किसानों को वैज्ञानिक तकनीक से खेती करके उत्पादन बढ़ाने की सलाह दी l श्री संदीप चौहान, वैज्ञानिक (कृषि प्रसार) द्वारा किसानों को दलहन एवं तिलहन फसलों का रकवा बढ़ाने एवं रबी फसलों का सिंचित क्षेत्र के विस्तार करने की सलाह दी गई। 

श्री चौहान द्वारा कृषकों को टमाटर के उत्पादन को बढ़ाने के लिए टमाटर फसल में पोषक तत्त्व प्रबंधन, रोग एवं कीट प्रबंधन जानकारी दी गई। डॉ. योगेश कुमार, वैज्ञानिक (कृषि वानिकी) द्वारा किसानों को सब्जियों की उन्नत उत्पादन तकनीक के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई  एवं फसल उत्पादन के साथ-साथ फल उत्पादन करने की सलाह दी।  

कार्यक्रम में उपस्थित किसानों द्वारा अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा बताई गई तकनीक से मसूर उत्पादन में वृधि हो रही हैं एवं धान का उत्पादन भी बढ़ रहा हैं। कृषक रामलोचन चंद्रवंशी ने बताया कि पहले की तुलना में कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़ने के बाद लगातार प्रशिक्षण एवं अन्य माध्यमों से खेती की उन्नत एवं नविन तकनीक से जुड़ कर आय में वृधि हो रही हैं। 

कृषक राजेश चंद्रवंशी द्वारा बताया गया कि वैज्ञानिक तकनीक द्वारा कतार में बुवाई से एवं बीज उपचार करने से मसूर के उत्पादन में वृधि हुई हैं। कार्यक्रम के संयोजक  सूर्यकांत नागरे, ने किसानों को प्रदर्शित तकनीक एवं कृषक तकनीक में अंतर बताते हुये सरसों एवं मसूर के उन्नत किस्म के बीज को अधिक से अधिक किसानों तक विस्तार के लिए किसानों को प्रेरित किया एवं कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि एवं किसानों का आभार व्यक्त  किया। 

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