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जघन्य एवं सनसनीखेज हत्या के मामले में पत्नी एवं सौतेले पुत्र को हुई आजीवन कारावास

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ोपाल (drms news)।  विशेष लोक अभियोजक श्रीमती सुधाविजय सिंह भदौरिया, भोपाल ने बताया कि दिनांक 28/12/2024 माननीय मनोज कुमार श्रीवास्तव, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, महोदय, भोपाल ने आरोपी गण शिवराज कुशवाह एवं शांति कुशवाहा को धारा 302 सहपठित धारा 34 भादवि में आजीवन कारावास एवं 01 हजार रूपये तथा धारा 201 भादवि में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित करने का निर्णय पारित किया है। 

प्रकरण में शासन द्वारा की ओर से सशक्त पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती सुधाविजय सिंह भदौरिया एवं आकिल अहमद खान, भोपाल द्वारा की गई है।

DRMS NEWS को मिली जानकारी के अनुसार 31 मई 2022 को 02:43 बजे शिवराज कुशवाहा ने थाना छोला मंदिर, भोपाल में आकर इस आशय की सूचना दी कि अमर सिंह विश्वकर्मा, जो कि उसके सौतेले पिता हैं, शासकीय हमीदिया अस्पताल में वाहन चालक के पद पर पदस्थ थे। अमर सिंह की पहली पत्नी की मृत्यु हो चुकी है। पूर्व पत्नी से अमर सिंह की दो लडकियां हैं, जिनकी शादी हो चुकी है।

उसके वास्तविक पिता माधौ सिंह कुशवाह थे, जिनकी मृत्यु के बाद अमर सिंह कुशवाह ने उसकी मां शांति कुशवाह से 7-8 माह पहले विवाह किया था। विवाह के पश्चात से उसकी मां शांति कुशवाह, वह स्वयं एवं उसका भाई, मृतक अमर सिंह विश्वकर्मा के साथ उनके घर मालीखेडी में रहने लगे थे। 

31 मई 2022 को रात्रि 01:30 बजे पुलिस वाले उसके घर आए तब उसे पता चला कि उसके सौतेले पिता अमर सिंह विश्वकर्मा माली खेड़ी, मेन रोड पुलिया के पहले, रोड किनारे मृत अवस्था में पड़े हैं। उसने घटनास्थल पर जाकर अपने सौतेले पिता अमर सिंह की पहचान की है। 

मृतक के मुंह, सिर एवं शरीर के अन्य भागों पर चोटें थीं, जिनसे खून निकल रहा था। उसके पिता अमर सिंह की रात 11:00 बजे से 12:00 बजे के मध्य मालीखेड़ी रोड किनारे किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा धारदार हथियार से एवं उनके सिर पर पत्थर पटक कर हत्या कर दी गई है। 

DRMS NEWS को बताया कि पुलिस द्वारा मामले के अन्वेषण के दौरान तथा शिवराज एवं उसकी माँ शांति बाई से कड़ाई से पूछताछ की गई तो उनकी पूरी पोल खुल गई एवं पाया गया कि अभियुक्तगण शिवराज कुशवाह एवं शांतिबाई ने ही जो कि मृतक अमर सिंह का सौतेला लड़का एवं दूसरी पत्नी थी, अमर सिंह पर अपनी संपत्ति एवं नौकरी से मिलने वाले फंड अपने नाम पर करने का दबाब बना रहे थे और चाहते थे कि उसकी पहली पत्नी की पुत्रियों को कुछ न मिले, जिसे अमर सिंह ने इंकार कर दिया। 

विवाद के कारण अभियुक्तगण शिवराज कुशवाह एवं शांतिबाई ने अमर सिंह को घटनास्थल पर बुलाकर सामान्य आशय के अग्रसरण में धारदार हथियार से एवं पत्थर से चोट पहुंचाकर उसकी निर्मम हत्या कर दी है। मामले में सम्पूर्ण विवेचना उपरान्त माननीय न्यायालय मे अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। 

इस प्रकरण में विचारण के दौरान पैरवीकर्ता विशेष लोक अभियोजक ने माननीय न्यायालय से अनुमति प्राप्त कर प्रकरण में जप्तशुदा आर्टीकल्स का डीएनए परीक्षण कराया जाकर डीएनए रिपोर्ट माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की थी, जो कि आरोपीगण को दोषसिद्ध करने का मुख्य आधार बनी। 

अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य, तर्कों एवं न्यायदृष्टांतों से सहमत होते हुये माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण शिवराज कुशवाह एवं शांति कुशवाह को धारा 302 सहपठित धारा 34 भादवि में आजीवन कारावास एवं 01 हजार रूपये तथा धारा 201 भादवि में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/-रूपये अर्थदण्ड से दण्डित का निर्णय पारित किया गया है।

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