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drms news (शहडोल) सेवा धर्म निष्ठा, न्यायप्रियता और लोक कल्याण कि प्रतीक लोक माता अहिल्या बाई की 300वीं जयंती जिले के कंकाली माता मंदिर ग्राम अंतरा के प्रांगण में मनाई गई। सुशासन, महिला सशक्तिकरण एवं सनातन संस्कृति के प्रति समर्पित लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर द्वारा दिए गए सुशासन के आदर्शों को इस अवसर पर याद किया गया। देवी अहिल्या बाई ने प्रभु सेवा और जन सेवा को अलग नहीं माना उन्होनें 300 वर्ष पहले राज्य की समृद्धि को दिशा दी तथा गरीबों को सामर्थवान बनाया।
देवी अहिल्या बाई ने संस्कृति को संरक्षण दिया। अनेकों तीर्थेां का जीर्णाेद्धार किया। प्रशासन का उत्तम मॉडल दिया। कुटीर उद्योग,हस्तकला तथा कृषि आधारित स्वरोजगार के अवसर देकर लोगों को रोजगार से जोड़ा। जल संरक्षण के लिए कुएं, तालाब, बावड़ी नहरों का निर्माण कराया। जिससे उनके राज्य में कृषि क्षेत्र में समृद्धता बढ़ी। उनका मानना था कि राज्य को जो कुछ भी मिल रहा है, वह जनता द्वारा ही मिल रहा है। इसलिए राज्य की जनता सर्वोपरि है।
लोक माता अहिल्या बाई की 300वीं जयंती कंकाली मंदिर ग्राम अंतरा में मनाई गई
लोक माता देवी अहिल्या बाई ने विरासत को विकास से जोड़कर कार्य किया। केन्द्र एवं राज्य सरकार भी उनके मॉडल को अपनाकर आगे बढ़ी रही है। माताओं, बहनों तथा बेटियों को विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ने के अवसर दिए जा रहे हैं। महिलाओं की शिक्षा, रोजगार, आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कार्य किए जा रहे है।
कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध गायक अरुण मिश्रा एवं उनके साथियों के द्वारा सुमधुर भजन प्रस्तुत किए गए। शहडोल जिले के कलाकार लकी चतुर्वेदी एवं उनके साथियों के द्वारा लोक माता अहिल्याबाई के जीवन और उनके द्वारा समाज सेवा एवं विभिन्न क्षेत्रों में किए गए पुनीत कार्यों , उनकी न्यायप्रियता पर आधारित एक लघु नाटिका का मंचन किया गया।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन जिला पंचायत मुद्रिका सिंह, सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग आनंद राय सिंहा, जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक विवेक पांडे, डीपीसी अमरनाथ सिंह, लालजी तिवारी, राजेंद्र शर्मा सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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