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सिविल सर्जन एवं सीएमओ ने कोरोना पाजिटिव के घर के आस-पास कराया सेनेटाइज

https://www.drmsnewss.online देश का तेजी से बढ़ता न्यूज सर्विस देवराज मीडिया सर्विस न्यूज (drms news) आपके साथ हर पल हर क्षण (दिल्ली, भोपाल, शहडोल, डिंडोरी, उमरिया, अनूपपुर) मध्य प्रदेश (भारत) दिन  शनिवार  27 मार्च  2021

 शहडोल वीरेंद्र प्रताप सिंह। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डाॅ0 सतेन्द्र सिंह के मार्ग दर्शन एवं अपर कलेक्टर एवं उप जिला मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा के निर्देशन में सिविल सर्जन डाॅ0 जी.एस. परिहार एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी शहडोल अर्पित वर्मा जिले के शहरी क्षेत्र शहडोल के वार्ड नम्बर-20 घरौला मोहल्ला शहडोल में गत दिवस पाॅजिटिव शर्मा परिवार जहाॅ 26 सदस्य कोरोना एक साथ पाजिटिव पाए गए उनकेे घर जाकर परिवार से भेंट कर वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त की। 

       श्री शर्मा ने बताया कि उनके माता का 6 मार्च 2021 को देहावसान हुआ था और 17 मार्च को अस्थि विसर्जन करने इलाहाबाद गए थे, इस कार्यक्रम के दौरान आए हुए मेहमानों में से किसी से कोरोना का संक्रमण हुआ, इसमें सर्वप्रथम हमारी भाभी प्रभावित हुई और आज हमारे घर के 26 सदस्य कोरोना पॉजिटिव आई है। 

देवराज मीडिया सर्विस न्यूज नेशनल 

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परिवार की ओर से सभी सुधी पाठकों ईष्ट मित्रों सहयोगियों  सहित   

सभी को उमंग-उत्सव रंगों का पर्व होली की  हार्दिक बधाई शुभकामनाएं

इस दौरान यह पाया गया कि उनके परिवार के अधिकतर सदस्यों में कोरोना के लक्षण परिलक्षित नहीं हो रहे हैं। सिविल सर्जन डाॅ0 जी.एस. परिहार एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी अमित तिवारी ने उन्हें तसल्ली देते हुए कहा कि हम सभी आपके साथ हैं। 

        सीएमओ नगर पालिका ने तत्काल शर्मा परिवार के आस-पास के क्षेत्र को सेनेटाइज कराया और शर्मा परिवार से कहा कि सम्पर्क में आएं अन्य लोगो की दूर-भाष पर जानकारी ले और आवश्यता पड़ने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन को सूचित करें। 

इस दौरान सिविल सर्जन ने शर्मा परिवार को मास्क एवं दवाईया का वितरण करते हुए कहा कि इसे खुद पहने, सोशल डिस्टेंसिंग रखें। इस अवसर पर नगर पालिका के कर्मचारी एवं चिकित्सकीय स्टाफ उपस्थित था।

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कलेक्टर ने किया रोजगार मेले का निरीक्षण, अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार दिलाने के दिए निर्देश

शहडोल वीरेंद्र प्रताप सिंह। पालिटेक्निक कालेज शहडोल में स्थानीय युवाओं को रोजगार मुहैया कराने हेतु लगाया गया जिला रोजगार मेला का कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉ० सतेन्द्र सिंह ने निरीक्षण किया। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि रोजगार मेले में ज्यादा से ज्यादा युवाओ को उनके शैक्षणिक योग्यता के अनुसार रोजगार मुहैया कराएं। 

          निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने रोजगार मेले में आए हुए अभ्यर्थियों से कोविड-19 संक्रमण के बचाव हेतु शासन का प्रोटोकॉल मास्क का उपयोग, सैनिटाइजर का उपयोग तथा सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अपना आवेदन दें। 

   कलेक्टर ने रोजगार मेले में आए विभिन्न कंपनियों के संचालकों से मिलकर उन्हें कहा कि रोजगार मेले में आए युवक एवं युवतियों को उनके शैक्षणिक योग्यता के अनुसार ज्यादा से ज्यादा रोजगार मुहैया कराएं।

         कलेक्टर ने इस दौरान पालिटेक्निक कालेज शहडोल का भी निरीक्षण किया तथा उन्होंने पॉलिटेक्निक कालेज के सभागार में खिड़कियों में मच्छर रोधी जाली नहीं लगे होने से मच्छर रोधी जाली लगाने तथा मरम्मत कराकर मिटिंग हाल व्यस्थित बनाने के निर्देश दिए।

        निरीक्षण के दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मेहताब सिंह, प्राचार्य आईटीआई एस०के० वर्मा, पालिटेक्निक कालेज शहडोल एस०के० पांडेय, परियोजना अधिकारी ग्रामीण आजीविका मिशन पुष्पेंद्र सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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02 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत

शहडोल वीरेंद्र प्रताप सिंह। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉ० सतेन्द्र सिंह ने हीरामणि पिता स्वर्गीय चंद्रभान सिंह ग्राम हिरवार तहसील ब्यौहारी जिला शहडोल को उपचार हेतु 02 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की है।

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प्रदेश सरकार गरीबों के कल्याण के लिए भी कृत संकल्पित हैं- विधायक श्रीमती मनीषा सिंह

शहडोल वीरेंद्र प्रताप सिंह। विधायक जैतपुर श्रीमती मनीषा सिंह ने जनपद पंचायत बुढार के ग्राम खरला उचित मूल्य दुकान में मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत अन्न उत्सव में शामिल हुई। अन्य उत्सव में विधायक मनीषा सिंह ने पात्र परिवारों को राशन कार्ड वितरण से लाभान्वित कराने की योजना की जानकारी से अवगत कराया। 

       उत्सव को संबोधित करते हुए विधायक जैतपुर श्रीमती मनीषा सिंह ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लिए गए संकल्प के तहत प्रदेश के सभी जिलों में अन्न उत्सव का आयोजन कर ऐसे गरीब लोगों को पात्रता पर्ची और राशन कार्ड का वितरण का महा-अभियान चलाया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि इस अभियान में ऐसे गरीब लोगों को जोड़ा गया है जिनके पास पात्रता पर्ची ना होने से वह राशन प्राप्त करने से वंचित थे।

विधायक जैतपुर की उपस्थिति में संपन्न 

हुआ उत्सव कार्यक्रम

 उन्होंने कहा कि जिले में कोई भी भूखा नहीं सोएगा, सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लागू करते हुए सभी के लिए खाद्यान्न की व्यवस्था सुनिश्चित की है। 

 उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गरीबों के कल्याण के लिए भी कृत संकल्पित हैं तथा उनके सर्वांगीण विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ा जाएगा।

      जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी ने अन्न उत्सव से जुड़ी हुई समस्त जानकारियां दी। अन्न उत्सव में जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक कमलेश टांडेकर, जनप्रतिनिधि, हितग्राही तथा ग्राम वासी उपस्थित थे।

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अत्याचार पीड़ितो को प्राथमिकता के साथ जाति प्रमाण पत्र मुहैया कराएं- कमिश्नर

शहडोल वीरेंद्र प्रताप सिंह। प्रभारी कमिश्नर शहडोल संभाग अमर सिंह बघेल ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के अत्याचार पीड़ितो को प्राथमिकता के साथ जाति प्रमाण पत्र मुहैया कराने के निर्देश शहडोल संभाग के सभी कलेक्टरो को दिए है। 

कमिश्नर ने कहा है कि, जाति प्रमाण पत्र की अनुपलब्धता के कारण अत्याचार पीड़ितो के प्रकरणो में पुलिस जांच में गतिरोध उत्पन न हो। कमिश्नर ने निर्देश दिए है कि, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के अत्याचार पीड़ितो को सर्वाेच्च प्राथमिकता के साथ जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए जाए ताकि, अत्याचार पीडितो को त्वरित न्याय मुहैया कराया जा सके। 

अत्याचार पीड़ितो को राहत राशि का 

वितरण तत्काल कराएं

 कमिश्नर ने यह भी निर्देश दिए है कि, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के अत्याचार पीड़ितों को राहत राशि का वितरण समय-सीमा में कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। कमिश्नर ने निर्देश दिए है कि राहत राशि वितरण में किसी भी प्रकार का गतिरोध उत्पन्न न हो इसकी व्यवस्था भी सुनिश्चित करें।

  कमिश्नर शहडोल संभाग अमर सिंह बघेल अनुसूचित जाति एवं जन जाति  अत्याचार निवारण अधिनियम की अनुश्रवण समिति की संभाग स्तरीय समीक्षा में कलेक्टरो को निर्देशित कर रहे थे। 

बैठक में उप पुलिस महानिदेशक जी. जनार्दन, कलेक्टर शहडोल डाॅ0 सतेन्द्र सिंह, कलेक्टर अनूपपुर चन्द्रमोहन ठाकुर, कलेक्टर उमरिया संजीव श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक उमरिया, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर, उपायुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग शहडोल संभाग श्री जगदीश सरवटे सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

  कमिश्नर ने की अनुसूचित जाति एवं 

जनजाति अत्याचार के प्रकरणों की समीक्षा

    बैठक में कमिश्नर ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अत्याचार पीड़ित व्यक्तियो को आर्थिक सहायता के प्रकरणो की समीक्षा की तथा निर्देश दिए कि अत्याचार पीडितो को आर्थिक सहायता मुहैया कराना सुनिश्चित किया जाए।

    बैठक में न्यायालीन  प्रकरणो पुलिस जांच में लंबित प्रकरणो, अत्याचार पीडितो को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के प्रकरणो की समीक्षा की गई। बैठक में पुलिस उप महानिदेशक जी जनार्दन ने सुझाव दिया कि, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के अत्याचार पीडितो को राहत पहुंचाने के लिए शासन द्वारा संचालित योजनाओ का प्रचार-प्र

सार किया जाए तथा योजनाओ से संबंधित प्रचार सामग्री का प्रदर्शन बोर्ड़ शहडोल संभाग के सभी थाना क्षेत्रों एवं सार्वजनिक स्थानो पर लगाना सुनिश्चित किया जाए।

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उच्च शिक्षा: कोरोना काल में ऑनलाइन परीक्षा कराने वाला पहला राज्य रहा मध्यप्रदेश • डॉ. मोहन यादव

 भोपाल  वीरेंद्र प्रताप सिंह।  राज्य सरकार के एक साल के कार्यकाल के दौरान उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नये कीर्तिमान स्थापित किये गये हैं। कोरोना के संकट के बावजूद भी ऑनलाइन माध्यमों से विद्यार्थियों को पठन-पाठन से जोड़े रखा गया। ओपन बुक प्रणाली से स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं की परीक्षाएँ आयोजित कराने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बना। बाद में इसका अनुसरण पश्चिम बंगाल सहित देश के अन्य राज्यों ने भी किया।

मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने के लिये साहित्य, विज्ञान, उद्योग, वाणिज्य, कृषि आदि क्षेत्रों के विशेषज्ञों से सुझाव लिये गये हैं। यशस्वी मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की इच्छानुसार जुलाई-2021 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा।

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत 20 घटकों के माध्यम से विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में अकादमिक गुणात्मक एवं उन्नयन संबंधी कार्यवाही की गई है। इसमें भवन निर्माण, स्मार्ट क्लॉस-रूम एवं वर्चुअल लर्निंग सुविधा, एकीकृत पोर्टल का निर्माण, सूचना तकनीक को सुदृढ़ बनाना, महाविद्यालयों में दूरस्थ शिक्षा केन्द्रों की स्थापना, उद्यमिता प्रकोष्ठों का गठन आदि को शामिल किया गया है।

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर सुविधाएँ प्रदान करने के लिये सतत रूप से समीक्षा की जा रही है। रणनीति बनाकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार किये जा रहे हैं। 

 महाविद्यालयों के विकास के लिये जन-भागीदारी मद से 50 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये की राशि खर्च करने की सीमा तय की जा रही है। इस मद में दान करने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यदि कोई दानदाता पाँच लाख रुपये या इससे अधिक राशि दान करता है, तो उसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सम्मानित करेंगे।

पिछले एक साल में 44 नवीन अशासकीय महाविद्यालय एवं 4 नवीन निजी विश्वविद्यालय प्रारंभ करने की अनुमति दी गई है। आदर्श प्रयोगशाला उन्नयन के लिये 263 लाख की राशि से 18 महाविद्यालय तथा पुस्तकालय विकास के अंतर्गत 192 लाख की राशि से 25 महाविद्यालयों को उन्नत किया गया है। 

 महाविद्यालय विकास योजनाओं के अधीन 96 करोड़ रुपये की राशि से चल रहे 117 कार्यों में से 14 भवनों का कार्य पूर्ण किया गया है।

विद्यार्थियों को ऑनलाइन कक्षाओं की संचालन व्यवस्था के अंतर्गत यू-ट्यूब के माध्यम से 1200 से अधिक पाठ्यक्रम आधारित ऑडियो/वीडियो व्याख्यान उपलब्ध कराये गये।

 ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर करीब 14 लाख 58 हजार विद्यार्थी लाभान्वित हुए। ओपन-बुक परीक्षा प्रणाली के माध्यम से 18 लाख परीक्षार्थी सम्मिलित हुए।

स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन योजना में अल्पावधि रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण का लाभ शासकीय महाविद्यालयों के करीब 19 हजार विद्यार्थियों ने लिया। नियोजन तथा उद्यमिता प्रकोष्ठों के गठन के लिये 200 महाविद्यालयों का चयन एवं ट्रेनिंग प्लेसमेंट सेल की स्थापना की गई।

 गाँव की बेटी योजना, प्रतिभा किरण योजना, एकीकृत/संस्कृत छात्रवृत्ति, अनुसूचित जाति-जनजाति के विद्यार्थियों को नि:शुल्क पुस्तक एवं स्टेशनरी वितरण योजना से 97 हजार विद्यार्थियों को लाभान्वित किया गया।

विश्व बैंक परियोजना से 260 करोड़ रूपये की राशि से 20 भवनों का निर्माण पूरा किया गया। रूसा, विश्व बैंक परियोजना एवं राज्य मद से निर्मित 29 महाविद्यालयों के भवनों का लोकार्पण हुआ। इन महाविद्यालय भवनों में आवश्यक सुविधाओं के लिये 767 करोड़ रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई।

  राज्य शासन की मद से 9 महाविद्यालयों के भवन निर्माण, 73 महाविद्यालयों में 600 अध्ययन कक्ष और 45 नवीन भवनों के निर्माण के लिये 206 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया।

विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुखी प्रोत्साहन देने के लिये 136 महाविद्यालयों में गुणवत्ता अध्ययन केन्द्र की स्थापना के लिये उच्च शिक्षा विभाग और मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्व विद्यालय के मध्य एमओयू किया गया। 

  मध्य प्रदेश नॉलेज कॉर्पोरेशन तथा विश्वविद्यालयों में उत्कृष्टता केन्द्र एवं इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना की गई। शासकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में कृषि, उद्यानिकी, पशु चिकित्सा एवं पर्यटन के पाठ्यक्रम तथा माँग अनुसार उपयोगी सर्टिफिकेट और डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की कार्यवाही जारी है। पोर्टल, डिजिटल रिपोजिटिरी, डिजिटल लॉकर, लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम आदि की व्यवस्था की गई है।

प्रदेश के 200 शासकीय महाविद्यालयों में वर्चुअल लर्निंग एवं स्मार्ट क्लॉस-रूम की सुविधा और 100 उच्च शिक्षण संस्थाओं में सूचना तकनीक अधोसंरचना को सुदृढ़ बनाया जा रहा है। महाविद्यालय, संकाय तथा पदों का युक्ति-युक्तकरण और विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों के लिये ऑनलाइन जाँच प्रमाण-पत्र की व्यवस्था के अलावा ऑनलाइन लर्निंग मैनेजमेंट एवं ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम का विकास किया गया।

  पेंशन प्रकरणों को स्वीकृत करने के अधिकार महाविद्यालयों के प्राचार्यों को दिये गये। उच्च शिक्षा संचालनालय एवं महाविद्यालयों के लिये एकीकृत पोर्टल, शिक्षण, प्रशिक्षण नीति का निर्माण, 52 महाविद्यालयों के लिये ए-ग्रेड एवं 20 महाविद्यालयों के लिये ए-प्लस ग्रेड तथा उच्च शिक्षा संस्थानों को एनआईआरएफ की प्रथम 100 संस्थाओं में सम्मिलित करने के प्रयास जारी हैं।

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आई टी के उपयोग से राजस्व विभाग ने सेवाओं को बनाया और अधिक सुगम • गोविंद सिंह राजपूत

 भोपाल  वीरेंद्र प्रताप सिंह।  एक किसान के लिए उसकी जमीन ही उसकी माँ है और बाप भी, वो अपनी जमीन के लिए ही जीता है और उसी के लिए मरता भी है, परंतु किसान को अपनी जमीन का मालिकाना हक पाने के लिए सिस्टम के 'चक्रव्यूह' से होकर गुजरना पड़ता है। 

उसका सारा जीवन पटवारी शब्द के इर्द-गिर्द ही घूमता रहता था। कभी सीमांकन के लिए, कभी खसरे की नकल के लिए तो कभी किसी ओर कागज की पूर्ति के लिए।

अन्नदाता को अन्नदाता से कराया परिचय

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जो स्वयं एक गाँव में जन्में और पले-बढ़े है, ने मुख्यमंत्री के रूप में किसान को तकलीफों के इस चक्रव्यूह से निकालने का मार्ग खोजा, जिससे पटवारी को भगवान समझने वाला किसान अब स्वयं को अन्नदाता महसूस करने लगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान की मंशा के अनुरूप राजस्व मंत्री के रूप में मैंने किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए राजस्व कार्यों में तकनीकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से कभी भी और कहीं भी की तर्ज पर सुविधा उपलब्ध कराने की पहल की।

पिछले एक वर्ष में राजस्व सेवाओं को और अधिक सुगम एवं सहज बनाने एवं इन सेवाओं को किसानों और आम नागरिकों तक आसानी से पहुँचाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का राजस्व अभिलेखों के लिये अधिक से अधिक उपयोग किया गया है। इसका ही परिणाम है कि वर्ष 2020-21 में भू-अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण में नेशनल काउंसिल फॉर अप्लाइड इकोनामिक रिसर्च की रिपोर्ट में पूरे भारत में मध्यप्रदेश ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है।

आज की स्थिति में प्रदेश के समस्त 56 हजार 761 ग्रामों के लगभग एक करोड़ 51 लाख भूमि स्वामियों के 3 करोड़ 97 लाख खसरा नंबरों का इलेक्ट्रॉनिक डाटाबेस तैयार किया जा चुका है। प्रदेश में राजस्व विभाग की सेवाएँ एम पी आन लाइन, लोक सेवा केन्द्र एवं ऑन लाइन पोर्टल से प्रदान की जा रही हैं। भूमि के नक्शे का डिजिटाइजेशन एवं भू-अभिलेखों, खसरा, नक्शा एवं बी-1 की कम्प्यूटरीकृत प्रतियॉ 'कभी भी, कहीं भी' की तर्ज पर प्राप्त की जा सकती है।

भूमि-बंधक की प्रक्रिया को आन लाइन कर किसानों को आसानी से ऋण प्राप्त करने, आन लाइन डायवर्सन मॉडयूल द्वारा डायवर्सन की सुविधा दी गई है। साथ ही नामांतरण और बंटवारे की प्रक्रिया को भी एकदम सरल बना कर उसे कम्प्यूटरीकृत किया है।

कभी भी और कहीं भी प्राप्त करें भूमि के अभिलेख

राजस्व विभाग की इस पहल से अब नागरिक घर बैठकर कभी भी और कहीं भी की तर्ज पर अपनी भूमि के खसरे, नक्शे एवं बी 1 की कॉपी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा एमपीऑनलाईन के 30 हजार से भी ज्यादा केन्द्रव और लोक सेवा केन्द्रों से भी यह सेवा प्राप्त की जा सकती है। अब तक लगभग दो करोड़ दस्तावेज ऑनलाइन डिलीवर किये जा चुके हैं। भू-अभिलेख सेवाओं से इस वर्ष दिसंबर 2020 तक 23 करोड़ रूपये का राजस्व अर्जित किया गया ।

5 करोड़ दस्तावेज होंगे डिजिटाइज

राज्य सरकार के निर्देश पर राजस्व विभाग द्वारा प्रचलित दस्तावेजों के अलावा पुराने दस्तावेज भी ऑनलाईन उपलब्ध कराये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस दिशा में अभी तक 15 करोड़ दस्तावेजों को डिजिटाइज करने का कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। जिसके तहत वर्ष 2020-21 में 5 करोड़ दस्तावेजों को डिजिटाइज करने का लक्ष्य रखा गया है। अगले तीन वर्षों में डिजिटाइजेशन का कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। इसके अलावा अतिरिक्त पुराने अभिलेखों की स्केनिंग एवं बारकोडिंग का कार्य भी कराया जा रहा है।

 फसल गिरदावरी में उपयोगी सारा एप

प्रदेश स्तर पर फसल का डाटा संकलित करने के लिए सारा एप के माध्यम से 6 माह में होने वाले काम को एक माह में और वो भी सटीक जानकारी के साथ किया जा रहा है।इसमें कितने क्षेत्र में, किस खसरे में कौन-सी फसल है, उत्पादन की मात्रा आदि डाटा सिंगल क्लिक पर उपलब्ध है। सारा एप से किसान अब अपनी फसल की जानकारी खुद दर्ज कर सकता है। फसल की क्षति की जानकारी, कृषि एवं उद्यानिकी की जानकारी एक ही स्थान पर एकत्र की जा रही है।

मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना संक्रमण में सभी वर्गों की आवश्यकताओं के साथ किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के उदेश्य से मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना शुरू की। पिछले वर्ष 22 सितंबर 2020 को प्रारंभ की गई इस योजना में वित्तीय वर्ष में दो समान किश्तों में कुल राशि 4 हजार का भुगतान किया जाना है।

  पहली किस्त के रूप में 25-26 सितंबर को 2020 को प्रदेश के साढ़े सात लाख किसानों को 150 करोड़ रूपये, नवंबर 2020 में 5 लाख किसानों को 100 करोड़ एवं 30 जनवरी 2021 को 20 लाख किसानों को 400 करोड़ एवं 27 फरवरी 2021 को 20 लाख किसानों को 400 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया। इस प्रकार प्रदेश के 57 लाख 50 हजार किसानों को एक हजार 150 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है।

   नागरिकों के लिए वरदान बना आरसीएमएस पोर्टल

आरसीएमएस पोर्टल के माध्यम से नागरिक घर पर बैठकर ही विभिन्न शुल्क जमा करा सकते हैं। इस पोर्टल से आवेदन एवं सेवा शुल्क जमा कर प्रकरण दर्ज करा सकते हैं। अब कोर्ट फीस एवं बार-बार तलवाना जमा करने की आवश्यकता नहीं है। यह सेवाएँ आम नागरिक मोबाइल एप से भी प्राप्त कर सकते हैं।

     स्वामित्व योजना में होगा आबादी क्षेत्रों का सर्वे

प्रदेश में आबादी भूमि पर बने हुए मकानों के कोई अभिलेख नहीं थे। शासन द्वारा 25 अप्रैल 2020 से स्वामित्व योजना के रूप में इसे लागू किया गया। 

   इस योजना में प्रदेश के 20 जिलों के 22 हजार 500 गॉवों में संपत्ति सर्वे का काम किया जा रहा है। संपत्ति सर्वे से ऐसे संपत्तिधारक लाभान्वित होंगे, जिनके पास मकान तो है परंतु मकान के दस्तावेज नहीं हैं।

   हक दस्तावेज होने से संपत्तिधारक बैंक लोन आदि ले सकेगा।संपत्तियों के व्यवस्थित दस्तावेज होने से पारिवारिक विभाजन और संपत्ति हस्तांतरण का काम सुगम होने से पारिवारिक विवाद के मामलों में भी कमी आएगी। 

  अभी तक 2 हजार 800 गाँवों में आबादी सर्वे में 2 हजार गाँवों के नक्शे तैयार कर लिए गए हैं और 500 गाँवों के 38 हजार 473 भू-स्वामियों के अधिकार अभिलेख तैयार कर लिए गए हैं।

        कोर्स नेटवर्क से सटीक सीमांकन

समय पर एवं सटीक सीमांकन के लिए राज्य सरकार द्वारा सीमांकन की कोर्स पद्धति के माध्यम से सीमांकन का कार्य प्रारंभ किया गया है। इससे अब 12 महिने में कभी भी एक्यूरेट सीमांकन किया जा सकता है। अभी तक सीमांकन निश्चित माहों में ही किया जा सकता था क्योंकि बरसात के मौसम एवं खड़ी फसलों में सीमांकन करना संभव नहीं था। कोर्स नेटवर्क की स्थापना के लिए भोपाल, हरदा, सीहोर एवं देवास में कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। इसके लिए प्रदेश में 35 करोड़ की लागत से 90 स्टेशन स्थापित किये जाने हैं। इनमें से 27 स्टेशन स्थापित किये जा चुके हैं। सभी स्टेशन जून 2021 तक स्थापित कर लिए जायेंगे।

सटीक सीमांकन के लिए उच्च गुणवत्तापूर्ण नक्शों की उपलब्धता को नकारा नहीं जा सकता है । आज की स्थिति में कुछ नक्शे जीर्ण-शीर्ण हैं तो कहीं नक्शा, मौका एवं खसरे में विसंगति है, नक्शे काफी पुराने हैं। इन नक्शों को जीआईएस आधारित नक्शों में बदला जायेगा। जिससे नक्शे एवं खसरे की विसंगतियाँ दूर हो सकेंगी।

इस तरह प्रदेश में पिछले एक साल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरूप किसानों और आम नागरिकों की समस्याओं के हल के लिये राजस्व विभाग के अधीन बहुआयामी कार्य किये गये हैं। आने वाले समय में भी विभाग किसानों और अन्य जनों की आकांक्षाओं पर खरा उतरने की कोशिश करेगा। हमारी कोशिश यह होगी कि प्रदेश में राजस्व प्रकरणों का निराकरण तेज, समय पर और आसान से आसानतर हो।

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मध्य प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा को बेहतर बनाने के प्रयासों का एक साल • विश्वास कैलाश सारंग

 भोपाल  वीरेंद्र प्रताप सिंह।  बीते एक साल में प्रदेश में राज्य सरकार ने अथक परिश्रम से चिकित्सा शिक्षा को नई ऊँचाई दी है जिससे न केवल मध्यप्रदेश बल्कि देश के अन्य प्रदेशों के लिए भी मध्यप्रदेश की चिकित्सा शिक्षा, मॉडल के रूप में आज चर्चा का विषय है। 

  कोविड-19 जैसी मानव समाज की दुश्मन बीमारी के समय भी मध्यप्रदेश की चिकित्सा सेवा विश्वसनीय रही। कोरोना आपदा में नि:स्वार्थ सेवाएँ देने के लिये चिकित्सा शिक्षा विभाग के सभी कोरोना वॉरियर्स को सम्मानित किया गया है।

मध्यप्रदेश शायद पहला राज्य होगा जहाँ व्यावसायिक जोखिमों को देखते हुए सभी शासकीय स्वशासी महाविद्यालयों में अध्ययनरत् चिकित्सा, दंत चिकित्सा, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल के छात्रों को उनकी पढ़ाई के दौरान जीवन बीमा एवं मेडिक्लेम का कवच दिया गया है।

   इसी तरह चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार करने के लिए चिकित्सा की गुणवत्ता को बढ़ावा देना, सहयोगी अनुसंधान विकसित करना, विचारों के आदान-प्रदान की सुविधा, उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान कौशल को बढ़ाने की भी कोशिश की गई है। 

    इस पहल के तहत चिकित्सा महाविद्यालयों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को उत्कृष्ट चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण के लिये अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान और चिकित्सा शिक्षा विभाग के मध्य एम.ओ.यू. किया गया है। इसमें चिकित्सा शिक्षा में शोध के क्षेत्र में मल्टी सेन्ट्रीक स्टडीज को बढ़ावा देना एवं पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार करना भी शामिल है।  

लोक स्वास्थ्य के विभिन्न आयामों पर शोध को बढ़ावा देने की दिशा में पहल करते हुए भोपाल में क्षेत्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र स्थापित करने का फैसला लिया गया है। यह केन्द्र स्वास्थ्य संबंधित आपात स्थितियों में ज्ञान एवं तथ्य संबंधी संसाधनों से सुसज्जित रहेगा।

   शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय रीवा में 225 बिस्तरों और शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर में 400 बिस्तरों के सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल शुरू किये गये हैं। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय रतलाम, विदिशा एवं शहडोल में नवीन मल्टी स्पेशिलिटी अस्पताल शुरू किये जा रहे हैं। इससे प्रदेश में कुल 2250 बिस्तरों की चिकित्सा सेवा की वृद्धि होगी। 

   चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर में सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल और चिकित्सा महाविद्यालय शिवपुरी  में निमार्णाधीन 300 बिस्तरों के अस्पताल के लिए पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। मान्यता नियम 2021 स्थापित करने से पुराने नियमों में स्पष्टता के साथ अनियमितताओं पर रोक लगी है।

                  चिकित्सा सुविधा में विस्तार

चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा चिकित्सा महाविद्यालय सागर में वायरल रिसर्च डायग्नोस्टिक लैब के निर्माण और उपकरणों के स्वीकृति दी गई है। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तृतीय चरण में चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की स्थापना की स्वीकृति देने के साथ 970 नये पदों का सृजन किया गया है।

      चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल से संबद्ध हमीदिया चिकित्सालय में रोगियों को  विश्व-स्तरीय चिकित्सा सुविधा के उद्देश्य से 1498 बिस्तर अस्पताल के नये भवन के निर्माण कार्य के लिये 436 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये हैं।

    हमीदिया चिकित्सालय में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये दूसरी हाईटेंशन फीडर लाइन की स्वीकृति दी गई है। भारत सरकार की अल्पसंख्यक बहुल जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण की योजना में चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल में रीजनल रेस्पिरेट्री सेंटर, स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन ऑर्थोपेडिक एवं आधुनिक मर्च्यूरी की स्थापना की जा रही है। 

     चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर में स्टेट एलाईड हेल्थ सांईस इंस्टीट्यूट की स्थापना तथा इंदौर चिकित्सा महाविद्यालय में स्थापित स्टेट एलाईड हेल्थ साईंस इंस्टीट्यूट इंदौर के संचालन के लिये आवश्यक पदों का सृजन किया गया है।

     चिकित्सा महाविद्यालय, इन्दौर से सम्बद्ध एम.वाय. चिकित्सालय, इन्दौर में प्रदेश का पहला बोनमेरो ट्रांसप्लांट सेन्टर स्थापित कर प्रशिक्षित विशेषज्ञ चिकित्सकों को पदस्थ  किया गया है।

     मानसिक चिकित्सालय इंदौर के लिए भी भारत शासन के सहयोग से 30 करोड़ से ज्यादा की परियोजना स्वीकृत की गई है।

          कैंसर रोगियों के लिए विशेष पहल

‘स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट’ चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर में अतिरिक्त निर्माण कार्य स्वीकृत करने के साथ ही 153 करोड़ रूपये से ज्यादा की स्वीकृति दी गई है। कैंसर के उपचार के लिये 5 चिकित्सा महाविद्यालयों में लीनियर एक्सलरेटर उपकरण की पीपीपी मोड पर स्थापना की जा रही है।

       इस अत्याधुनिक उपकरण की सुविधा प्राप्त होने पर प्रदेश के लगभग 80 हजार कैंसर मरीजों को प्रति वर्ष प्रदेश में ही उपचार की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। चिकित्सा महाविद्यालय, ग्वालियर में टर्सरी कैंसर यूनिट की स्थापना की जा रही है। यूनिट की स्थापना से ग्वालियर-चम्बल संभाग के कैंसर मरीजों को आधुनिकतम जाँच एवं उपचार की सुविधा मिल सकेगी।

चिकित्सा महाविद्यालयों की सीटों में वृद्धि

बीते वर्ष में सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में स्नातक स्तर की कुल 165 सीट एवं स्नातकोत्तर स्तर की 190 सीट की वृद्धि की गयी हैं। इससे प्रदेश के नागरिकों को चिकित्सा सेवाएँ सुगमता से प्राप्त हो सकेगी। पहले से संचालित चिकित्सा महाविद्यालय खण्डवा, शिवपुरी, छिंदवाडा, शहडोल, दतिया, विदिशा, रतलाम एवं रीवा में प्रति महाविद्यालय 250 एम.बी.बी.एस. सीट्स का प्रस्ताव भारत शासन को भेजा गया है। इस साल चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर एवं रीवा में 646 पी.जी.सीट्स वृद्धि के लिए 614 करोड़ रूपये से ज्यादा की स्वीकृति दी गई हैं।

नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की पहल

मध्यप्रदेश में केन्द्र प्रवर्तित योजना में 6 नये चिकित्सा महाविद्यालय जिला राजगढ़, मण्डला, नीमच, मंदसौर, श्योपुर एवं सिंगरौली में स्थापित किये जाएंगे। चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल में रीजनल स्पाईनल इंजुरी सेंटर की स्थापना के लिये योजनाबद्ध तरीके से निर्माण, उपकरण एवं अन्य कार्यो की स्वीकृति दी गई है। शहडोल, रतलाम, विदिशा चिकित्सा महाविद्यालय से सम्बद्ध चिकित्सालय का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। सतना चिकित्सा महाविद्यालय का निर्माण कार्य प्रगति पर है ।

पैरा मेडिकल कोर्स के लिए नई पहल

प्रदेश में पहले से संचालित शासकीय पैरामेडिकल इंस्टीटयूट में नये पाठ्यक्रम प्रारंभ किये गये हैं और संचालित पाठ्यक्रमों में सीट्स  वृद्धि की गई है। सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों का संचालन शुरू किया गया हैं। रोजगार उन्नयता एवं पैरामेडिकल क्षेत्र को बढ़ावा देने की दृष्टि से 5 नये रोजगारोन्मुखी पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों को शुरू किया गया है। चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर में स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ एलाईड हेल्थ साईसेंस की स्वीकृति दी गई है।

मेडिकल स्टूडेंट के लिए बॉण्ड मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर

मेप आईटी के माध्यम से तैयार बॉण्ड मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर में मध्यप्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा वर्ष 2001 से प्रवेशित चिकित्सा छात्रों की लीगेसी एवं वर्तमान डेटा का इन्द्राज किया जा रहा है। इस सॉफ्टवेयर से प्रदेश के बांडेड तथा अन्य प्रवेशित छात्रों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। विभिन्न वर्षों के बॉण्ड डिफाल्टर्स छात्रों द्वारा 32 करोड़ की राशि चिकित्सा महाविद्यालयों में जमा करायी जा चुकी है। बॉण्ड डिफाल्टर छात्रों के प्रकरणों के निराकरण के लिये चिकित्सा महाविद्यालय स्तर पर हाई पावर कमेटी गठित की गई

‘‘ईज ऑफ हैल्थ सर्विसेस’’

मध्यप्रदेश में कोविड-19 महामारी के पीक अवर्स में मरीजों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना को देखते हुए प्रदेश के अधीन स्थापित शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों से सम्बद्ध भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सागर, रतलाम, खंडवा, शिवपुरी, दतिया एवं छिंदवाड़ा चिकित्सालय में कोविड-19 के लिये आरक्षित कुल 4825 बिस्तरों पर 31 करोड़ 7 लाख रुपये की लागत से मेडिकल गैस पाइप लाइन स्थापित की गई। चिकित्सा शिक्षा विभाग के सभी अस्पतालों में ‘‘ईज ऑफ हैल्थ सर्विसेस‘‘ शुरू किया जा रहा है। इससे नागरिकों को निर्धारित अवधि में सुगमता से तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ प्राप्त हो सकेगा।

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सड़कें होगी आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश की रीढ़:-गोपाल भार्गव

भोपाल वीरेंद्र प्रताप सिंह।  यूरोप हो या अमेरिका उनके आधुनिक और विकसित नजर आने का पहला अहसास वहाँ की चौड़ी-चौड़ी सड़कें, फ्लाई ओवर और उन पर दौड़ती नजर आती मोटर-कार से आता है और आए भी क्यों नहीं...? ईसा से 2500 वर्ष पुरानी 'सिन्धु व हड़प्पा सभ्यता' हो या फिर मिश्र और मेसोपोटामिया की समृद्धि का मापदण्ड भी वहाँ का आर्किटेक्चर, विकसित सड़कें और मिश्र के पिरामिड के वास्तु-विन्यास को ही माना जाता है। 

भारत के इतिहास में शेरशाह सूरी जैसे शासक को भी उसके द्वारा तत्कालीन भारत के चढ़गांव (बांग्लादेश) से वर्तमान काबुल (अफगानिस्तान) के लिए निर्मित वर्तमान जी.टी.रोड (ग्रांड ट्रक रोड) के लिए याद किया जाता है।

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के समय नार्थ-साउथ कोरिडोर के रूप में देश को आधुनिक विकसित सड़कों से जोड़ने वाले युग का शुभारंभ हुआ। ग्रामीण अंचल में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कों ने एक तरह से ग्रामों की अर्थ-व्यवस्था को बदल दिया है।

यही कारण है कि मध्य प्रदेश में भी सड़कों के निर्माण, उनके सुदृढ़ीकरण पर राज्य सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया गया है। सड़कें विकास की संवाहक है। सड़कों के अभाव में विकास बेमानी हो जाता है। 

राज्य सरकार द्वारा सड़को के माध्यम से विकास के रथ को गाँव-गाँव तक पहुँचाने का काम व्यापक-दूरदृष्टि के साथ किया जा रहा है। इसकी झलक राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत 2021-22 के बजट में साफ नजर आती है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने चौथे कार्यकाल के पहले वर्ष में 'आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश' के सुदृढ़ भवन की जो परिकल्पना की, उसके आधार-भूत चार स्तम्भ में भौतिक अधो-संरचना को प्रथम स्तम्भ के रूप में रखा गया है। प्रदेश की भौतिक अधोसंरचना में सड़कें एक मुख्य घटक हैं। सरकार की सभी सेवाएँ, जन-सुविधाएँ, आम-जन तक तभी पहुँच सकेगी जब प्रदेश में सुदृढ़ आधार-भूत संरचना हो, जिसका पहला पायदान है-'सुदृढ़ सड़कें'।

वर्तमान में प्रदेश में 8 हजार 858 किलोमीटर लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है। इसके अतिरिक्त 4 हजार 593 किलोमीटर लम्बाई के मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने के लिए केन्द्र-सरकार से सैद्धान्तिक अनुमति प्राप्त हो गई है। प्रदेश में 11 हजार 389 किलोमीटर राज्य राजमार्ग, 22 हजार 691 किलोमीटर मुख्य जिला मार्ग तथा 28 हजार 023 किलोमीटर अन्य जिला मार्ग है। इस प्रकार कुल 70 हजार 961 किलोमीटर सड़कें शहरी अंचल में तथा लगभग 80 हजार किलोमीटर लंबाई की सड़कें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में तैयार की गई हैं। इस तरह यदि हम यह कहें कि मध्यप्रदेश सड़कों के मामले में सबसे धनाढ्य है तो अतिश्योक्ति नहीं होगी।

वर्ष 2020-21 में विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों के बावजूद प्रदेश में 2 हजार 500 किलोमीटर सड़कों तथा 13 वृहद पुलों का निर्माण कराया गया, इस पर 3 हजार 522 करोड़ रूपये का व्यय किया गया। इस अवधि में एक हजार 300 किलोमीटर सड़कों का नवीनीकरण भी कराया गया। 

प्रदेश में 540 करोड़ रूपये की लागत से 600 किलोमीटर मुख्य जिला मार्गों के निर्माण/उन्नयन का कार्य भी प्रगति पर है। साथ ही नाबार्ड के ऋण और केन्द्रीय सड़क निधि से भी प्रदेश में सड़कों के निर्माण/उन्नयन कार्य कराये जा रहे हैं। 

नाबार्ड मद से 3 हजार 640 करोड़ की लागत से 244 सेतु कार्य स्वीकृत है (44 नग आर.ओ.बी., 7 फ्लाय ओवर तथा 193 वृहद पुल), इनमें से 201 का कार्य प्रगति पर है तथा 9 वृहद पुल और 4 आर.ओ.बी. का कार्य पूर्ण किया जा चुका है।

       सुगम यातायात राज्य शासन की प्राथमिकता

मध्य प्रदेश सरकार ने वर्ष 2021-22 के बजट में लोक निर्माण विभाग को 7 हजार 341 करोड़ रूपये का बजट देने का निर्णय लिया है, जो गत वित्तीय वर्ष 2020-21 के 6 हजार 866 करोड़ रूपये के बजट से 475 करोड़ रूपये अधिक है। 

यह सड़कों के निर्माण, सुधार और विकास के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एक अप्रैल से शुरू होने वाले इस वित्त वर्ष में राज्य सरकार ने 2 हजार 441 किलोमीटर नवीन सड़कें, 65 नवीन पुल बनाने का लक्ष्य रखा है। 

इसके साथ ही आगामी तीन वर्षों में 3 हजार 105 करोड़ रूपये की लागत से 105 रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण भारत सरकार की भागीदारी के साथ कराया जाना प्रस्तावित है। जाहिर सी बात है कि इन सड़कों और नये पुल के बनने से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सुगम यातायात के साथ श्रम और समय की बचत होगी।

            अति-महत्वाकांक्षी दो परियोजनाएँ

प्रदेश में प्रस्तावित दो अति-महत्वाकांक्षी परियोजनाऐं (1) अटल प्रोग्रेस-वे (2) नर्मदा एक्सप्रेस-वे, पर काम चल रहा है। मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्र में 358 किलोमीटर लम्बा 'अटल प्रोग्रेस-वे' बनाया जा रहा है। इससे ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के विकास के नये अध्याय की शुरूआत हुई है। 

इसका विधिवत शिलान्यास केन्द्रीय भू-तल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा किया जा चुका है। प्रोग्रेस-वे के निर्माण के लिये शासकीय भूमि का आवंटन किया जा चुका है और विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) तैयार करने का कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार 'नर्मदा एक्सप्रेस-वे' बनाया जाना प्रस्तावित है। इस मार्ग के निर्माण से प्रदेश में पर्यटन, सांस्कृतिक और व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के बड़े अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।

    दुर्घटना प्रतिक्रिया प्रणाली एवं यातायात प्रबंधन केन्द्र

एक तरफ नयी सड़कों और नये पुलों के निर्माण के प्रयास है, तो दूसरी ओर सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिये भी राज्य सरकार सजग है। राजमार्ग को सुरक्षित बनाने के लिए से म.प्र. सड़क विकास निगम मुख्यालय में 'एक्सीडेंट रिस्पांस सिस्टम एवं ट्रेफिक मैनेजमेंट सेंटर' बनाया गया है। 

राजमार्गों पर घटित होने वाली किसी भी दुर्घटना की सूचना कोई भी व्यक्ति 1099 नम्बर पर कॉल-सेंटर को दे सकता है। दुर्घटना की सूचना मिलने पर तत्काल एम्बुलेंस भेजी जाती है, जिससे दुर्घटनाग्रस्त लोगों को निकटस्थ अस्पताल पहुँचाया जा सके और उन्हें त्वरित मेडिकल सहायता मिल सके।

                      गुणवत्ता पर पैनी-नजर

प्रदेश में सड़कों की गुणवत्ता नियंत्रण करने पर भी विशेष फोकस किया जा रहा है। सड़कों के निर्माण में मुख्य भूमिका 'डामर' की है। राज्य सरकार ने उपयोग से पहले'डामर' की 12 प्रकार की जाँच और घटिया डामर उपयोग करने पर उसकी आपूर्ति करने वाली कम्पनी को ब्लैक लिस्ट करने जैसे कदम उठाये हैं।  

  जन-शिकायत प्राप्त होने पर विशेषज्ञों से आकस्मिक जाँच कराने का निर्णय सामग्री गुणवत्ता जाँच के लिए 13 'चलित मोबाईल प्रयोगशाला' के माध्यम से सड़क, पुल निर्माण की गुणवत्ता पर नजर रखने का प्रयास जारी है। 

इसी क्रम में धीमा कार्य करने वाले ठेकेदारों का पंजीयन निरस्त करना और दोषी अधिकारियों के विरूद्ध त्वरित कार्रवाई की जायेगी। यह सब सड़क गुणवत्ता के संबंध में सरकार की मंशा स्पष्ट करता है। साथ ही भारत सरकार के आई.ए.एच.ई. के माध्यम से ठेकेदारों और इंजीनियर्स के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है।

                              जन-भागीदारी

भारत सरकार की तर्ज पर मध्य प्रदेश सरकार भी सड़कों के रख-रखाव और निर्माण के 'यूजर-फ्री' योजना शुरू करने जा रही है। इनमें टेण्डर प्रक्रिया से 13 चयनित सड़क मार्ग, जिनकी लम्बाई 1098 किलोमीटर है, पर टोल-नाके स्थापित किये जायेंगे। आने-जाने वाले वाहनों से जो टोल टैक्स राशि प्राप्त होगी, उसे सड़क-संधारण पर खर्च कर राज्य सरकार आम-जन की विकास में भागीदारी सुनिश्चित करना चाह रही है। साथ ही वर्तमान में 4 राष्ट्रीय राजमार्ग और 24 राज्य राजमार्ग का संचालन बी.ओ.टी. आधार पर किया जा रहा है।

इस पूरी कवायद के पीछे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह के नेतृत्व में मध्यप्रदेश शासन का मुख्य लक्ष्य स्वच्छ, स्वस्थ, सुदृढ़ और सुरक्षित सड़कों के माध्यम से आर्थिक रूप से समृद्ध मध्यप्रदेश के लक्ष्य को प्राप्त करना है।

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सुबह 10 बजे से रात्रि 9 बजे तक ही खुल पाएगें व्यावसायिक प्रतिष्ठान

शादी समारोह में अधिकतम 50 व शव यात्रा में 20 लोगो को ही होगी अनुमति

शहडोल वीरेंद्र प्रताप सिंह। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डाॅ0 सतेन्द्र सिंह ने आदेश जारी कर कहा है कि, जिले में कोविड-19 संक्रमण के  लगातार बढने एवं संक्रमित व्यक्तियो के पाए जाने के कारण मध्य प्रदेश शासन के गृह मंत्रालय द्वारा जारी  नवीन दिशा - निर्देशों के तहत  शादी समारोह एवं मृत्यु भोज में अधिकतम 50 व्यक्ति तथा शव यात्रा में  अधिकतम 20 व्यक्तियो की शामिल होने की अनुमति रहेगी। इसी प्रकार जिलान्तर्गत समस्त व्यापारी प्रतिष्ठान सुबह 10 बजे से रात्रि 9 बजे तक ही खोले जा सकेगे। 

व्यापारी प्रतिष्ठानो को जारी निर्देश में कहा गया है कि, वे अपने प्रतिष्ठानो के अन्तर्गत राशि के माध्यम से तथा चुने के गोले बनाकर सोशल डिस्टेंसिग का पालन, मास्क का पालन  सुनिश्चित करे एवं प्रतिष्ठानो में आने वाले उपभोक्ताओ को बिना मास्क के दुकानो के अंदर नही जाने देें।

 इसी प्रकार  बस मालिक सोशल डिस्टेंसिग एवं मास्क के साथ ही सावारियों को बैठाए। इस अवधि मे डीजे, नगाड़ा अथवा अन्य प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्रो का उपयोग आगामी आदेश तक प्रतिबंधित रहेगा।  

बंद स्थानो में कार्यक्रम हाल की क्षमता का 50 प्रतिशत ही किया जा सकेगा। होलिका दहन एवं शव ए-बारात  कोविड-19 के प्रोटोकाॅल का पालन करना  सुनिश्चित करेगे। साथ नागरिक होली का त्यौहार अपने घरो में मनाएगे तथा सार्वजनिक स्थालो पर एकत्रित होने की अनुमति नही होगी।  

सार्वजनिक स्थालो में आम जन को फेस मास्क का उपयोग नही करने, सोशल डिस्टेंसिग का पालन नही करने पर 200 रूपये की राशि जुर्माने बतौर वसूली जाएगी, बाहर से आने वाले समस्त नागरिक अपने आने संबंधी सूचना स्थानीय प्रशासन को देगें तथा महाराष्ट्र से आने वाले व्यक्तियो को नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में अपना प्राथमिक स्वास्थ्य परीक्षण कराना अनिवार्य होगा। परीक्षण पश्चात रिपोर्ट प्राप्त होने तक होम क्वारेटाइन में रहना अनिर्वाय होगा।

 जिले में समस्त सामाजिक एवं धार्मिक त्यौहारो में निकलने वाले जुलूस, मेलो में सार्वजनिक रूप से लोगो का एकत्रित होना प्रतिबंधित रहेगा, कोरोना के लक्षण पाए जाने पर नागरिको को होम क्वारेटाइन में रहना अनिवार्य होगा। कोविड-19 के नियमो का एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 के 60 तक का उल्लंघन पाए जाने पर दण्डनीय होगा।

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मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने संविदा शाला शिक्षक राजेश कुमार शुक्ला की सेवा की समाप्त

शहडोल वीरेंद्र प्रताप सिंह। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मेहताब सिंह द्वारा राजेश कुमार शुक्ला संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 शासकीय माध्यमिक शाला सेजहाई संकुल जैतपुर विकासखण्ड बुढ़ार की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है। 

राजेश शुक्ला के विरूद्व भारतीय दण्ड संहिता की धारा 365, 366, 342, 376-डी, 34 के तहत  जेल में निरूद्व होने  के कारण उक्त कार्यवाही की गई है।

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29 मार्च को शुष्क दिवस घोषित

शहडोल वीरेंद्र प्रताप सिंह। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डाॅ0 सतेन्द्र सिंह ने  मध्य प्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 24 में प्रदत्त शक्तियो को प्रयोग करते हुए होली त्यौहारी  के अवसर पर  कानून व्यवस्था तथा लोक शांति बनाए रखने के लिये मदिरा का क्रय विक्रय प्रतिबंधित करने हेतु  जिले की समस्त देशी एवं विदेशी मदिरा दुकाने, होटल बार, रिटेल आउटलेट एवं मद्य भाण्डागार आदि 28 मार्च को सांय 7 बजे से 29 मार्च 2021 को शुष्क दिवस घोषित किया है।

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देशी एवं विदेशी मदिरा दुकान की ई-टेण्डर खोलने की प्रक्रिया 30 मार्च को

शहडोल वीरेंद्र प्रताप सिंह। जिला आबकारी अधिकारी ने जानकारी दी है कि, शहडोल की 8 देशी मदिरा एवं 6 विदेशी मदिरा दुकानो कुल 4 समूहो को वर्ष 2020-21 में लायसेंसी द्वारा ठेका अवधि में 2 माह की बढ़ोतरी का विकल्प चयनित नहीं किया गया है ऐसे समूह के ठेका का पुनः निष्पादन किया गया। जो कि 30 मार्च 2021 को  अपरान्ह 4 बजे तक लाइव रहेगा एवं उसी दिन अपरान्ह 4ः05 बजे से ई टेंडर खोलने की प्रक्रिया जिला समिति के समक्ष खोली जाएगी। अधिक जानकारी के लिए जिला आबकारी  कार्यालय मेे सम्पर्क कर सकते है।

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कोविड-19 महामारी संक्रमण प्रसार के नियंत्रण हेतु जिले के बाहर से आए हुए यात्रियों की स्क्रीनिंग एवं अन्य आवश्यक जांच के लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों की ड्यूटी सीएमएचओ ने लगाई ड्यूटी

शहडोल वीरेंद्र प्रताप सिंह। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉ० सतेन्द्र सिंह के निर्देशानुसार वैश्विक महामारी कोविड-19 नियंत्रण के लिए तथा जिले के बाहर से आए हुए यात्रियों की स्क्रीनिंग एवं अन्य आवश्यक जांच के लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों की ड्यूटी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ० एम.एस. सागर ने लगाई है। यह कर्मचारी निर्धारित चेक पोस्ट पर समयानुसार अपनी ड्यूटी का निर्वहन करेंगे।  

विकासखण्ड सोहागपुर अन्तर्गत रेलवे स्टेशन शहडोल में सुबह 8 बजे से दोपहर 3 बजे तक अनिल वर्मन  जिला चिकित्सालय एवं रमा चक्रवर्ती सीएचसी सिंहपुर दोपहर 3 बजे से रात्रि 9 बजे तक गुलाब बैगा कार्यालय सीएमएचओ शहडोल एवं सुन्दरिया देवी सीएचसी सिंहपुर,  रात्रि 9 बजे  से प्रातः 8 बजे तक राजेन्द्र तोमर जिला चिकित्सालय एवं शिवलाल सोनी सीएमएचओ कार्यालय शहडोल की डियूटी लगाई है।  

 इसी प्रकार बस स्टेण्ड शहडोल में अरूणा सोलेमान एवं कांती सिंह सीएचसी सिंहपुर प्रातः 8.00 बजे से दोपहर 2.00 बजे तक तथा ममता साहू एवं बुद्वबली सिंह सीएचसी सिंहपुर दोपहर 2.00 बजे से रात्रि 8.00 बजे तक एवं रात्रि 8 बजे से प्रातः 8 बजे  उमेश द्विवेदी एवं लखन प्रजापित सीएचसी सिंहपुर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।

     मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 एम.एस. सागर ने जूम मीटिंग लेकर कोविड-19 प्रसार नियंत्रण हेतु सभी ऐतिहाती कदम उठाने के निर्देश दिए तथा हर स्तर पर सावधानियां रखी जाऐ। 

डॉ0 सागर ने आज बुढ़ार जनपद के अंतर्गत बहगड़, चन्नौड़ी एवं जिला अस्पताल बुढार के स्वास्थ्य संस्थाओं का निरीक्षण कर कोविड-19 के नियंत्रण हेतु शासन का प्रोटोकॉल मास्क का उपयोग, सैनिटाइजर का उपयोग तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की हेतु कहा तथा इसका पालन कर खुद बचे और दूसरे को शासन के प्रोटोकाॅल का पालन करने हेतु प्रेरित करें। 

उन्होंने कहा कि फीवर क्लीनिक सेंटर में अधिक से अधिक सेम्पल लिए जाएं तथा मरीजो को यथोचित चिकित्सकीय उपचार भी मुहैया करायी जाएं।

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COVID19 से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका सही तरीके से मास्क लगाना है:  डॉ० एम.एस. सागर


शहडोल वीरेंद्र प्रताप सिंह। यदि हम सभी मास्क लगायें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, तो कोविड 19 से बचा जा सकता हैं यह संदेश देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ० एम.एस. सागर ने जिले के नागरिकों से अपील किया है कि होली एवं अन्य त्योहार कोरोना वायरस संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए अपने घर पर ही मनाएं। 

उन्होंने कहा कि "अपनी होली अपना घर" प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संदेश है इसे हम शत प्रतिशत अपनाना है।

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