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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के साथ रोजगार स्वरोजगार की संकल्पना निहित है : डॉ. मनीष कुमार

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शहडोल (drms news)।  मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग भोपाल के परिपालन में एवं स्वामी विवेकानंद के लिए मार्गदर्शन योजना और आई.क्यू.ए.सी के संयुक्त तत्वावधान में 14 दिसम्बर 2024 को पंडित अटल बिहारी वाजपेई शासकीय महाविद्यालय जयसिंहनगर जिला-शहडोल (मध्य प्रदेश) में एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन * नई शिक्षा नीति 2020 में कौशल विकास एवं रोजगार की संभावनाएं * विषय पर सम्पन्न हुआ। यह एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार महाविद्यालय केक्षप्राचार्य/संरक्षक डॉ. धर्मेंद्र कुमार द्विवेदी के कुशल मार्गदर्शन में एवं स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ प्रभारी व विभागाध्यक्ष हिंदी डॉ. मंगल सिंह अहिरवार के संयोजन में आयोजित हुआ। 

इस वेबीनार में जिन प्रमुख वक्ताओं ने  आनलाइन पटल पर अपनी गरिमामय उपस्थिति प्रदान कर अपने विचारों से हम सभी को लाभान्वित किया उनमें मुख्य वक्ता डॉ. मनीष कुमार, सहायक आचार्य, हिंदी विभाग महिला महाविद्यालय काशी हिंदू विश्विद्यालय वाराणसी (उत्तर प्रदेश) ने अपनी बात रखते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कौशल विकास और रोजगार की संभावनाओं पर जोर देते हुए महत्पूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। 

आपने कहा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 नौकरी के साथ साथ आत्मनिर्भरता प्रदान करती है। पेशेवर कुशल व्यावसायिक प्रशिक्षित व्यक्तियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 समाहित करती है जिनके द्वारा विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जाता है। 

प्रत्येक विद्यार्थियों की विशिष्ट क्षमताओं को बढ़ावा इस नीति में प्रदान किया जा रहा है। नई शिक्षा नीति में विज्ञान, गणित, तकनीकी, कृषि, चिकित्सा आदि को भी रोजगार से जोड़ा गया है। आपने कहा  भारत सरकार का लक्ष्य नई शिक्षा नीति के माध्यम से अधिक से अधिक विद्यार्थियों को रोजगार स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है। 

द्वितीय विशिष्ट वक्ता के रूप आमंत्रित डॉ. अफ़रोज़ इकबाल एस.डी.एम.पी.जी. महाविद्यालय डोईवाला, देहरादून (उत्तराखंड) ने अपने आभासी व्याख्यान में कौशल विकास संवर्धन पर चर्चा करते हुए कहा कि कोई भी काम पूरी आत्मीयता के साथ करना चाहिए, पसंदीदा किसी भी कार्य को पैशन बनाकर अर्निंग करना ही कौशल विकास को परिभाषित करता है। 

आपने कई सफलतम व्यक्तियों के उदाहरण भी प्रस्तुत भी किए। वेबीनार के अंतिम वक्त के रूप में डॉ. चंद्रकांत वंशीधर भांगे, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, शोध निर्देशक मिलिट्री साइंस श्री शिवाजी महाविद्यालय परभणी, महाराष्ट्र  ने भी ऑनलाइन पटल पर  अपनी विचार रखें जिसमें उन्होंने कहा कि पैसा कमाना, सफल होना तकनीकी ज्ञान ये सभी बिना संस्कार और संस्कृति के व्यर्थ हैं। अच्छे आचरणों और विचारों के साथ कौशल विकास होना चाहिए। 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में इन सभी महत्पूर्ण बिंदुओं का समावेश दिखाई देता है। इस कार्यक्रम सफल संचालन डॉ.मंगल सिंह अहिरवार संयोजक ने किया और आभार प्रदर्शन महाविद्यालय के आई.क्यू.ए.सी समन्वयक प्रो. गजेन्द्र परते जी किया। 

इस वेबीनार में शामिल सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े प्रतिभागी, विद्वत जन एवं अन्य श्रोताओं में  प्रमुख रूप से महाविद्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारियो में डॉ.  राजेन्द्र प्रसाद वर्मा सहायक प्राध्यापक, वनस्पति शास्त्र, डॉ. ममता पाण्डेय सहायक प्राध्यापक राजनीति शास्त्र, डॉ. लवकुश दीपेंद्र सहायक प्राध्यापक राजनीति शास्त्र,  प्रो. उत्तम सिंह सहायक प्राध्यापक प्राणी शास्त्र, प्रो. सतीश वर्मा सहायक प्राध्यापक प्राणी शास्त्र, डॉ. नीरज श्रीवास्तव, शासकीय महाविद्यालय केशवाही, डॉ. यदुवीर प्रसाद मिश्रा, जसीम अहमद, डॉ. मनौवर अली, दिलीप कुमार शुक्ला, डॉ. अर्चना जायसवाल, आदित्य कुमार शुक्ला, डॉ. प्रीति कुशवाहा, रूपेश नागेन्द्र, डॉ. प्रीति रजक, डॉ . सुरेश कुमार चौधरी, कुमारी आराधना द्विवेदी, मुकेश सिंह ठक्कर, राम नरेश चौधरी, मनोज कुमार प्रजापति आदि के साथ लगभग 250 विद्यार्थियों की गरिमामय उपस्थिति रही।

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