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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ’’ पोषण भी, पढ़ाई भी’’ थीम के तहत मास्टर ट्रैनर/पर्यवेक्षकों के माध्यम से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम

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drms news (शहडोल)। महिला एवं बाल विकास विभाग अन्तर्गत संचालित आंगनवाडी केन्द्रों की आंगनबाड़ी कार्यकताओं को ईसीसीई पाठ्यक्रम और शैक्षणिक दृष्टिकोण की बुनियादी समझ विकसित करने के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बच्चों के विकास के आयामों के मूल्यांकन में क्षमता वृद्धि कर सक्षम बनाने के उद्देश्य से सक्षम आंगनबाड़ी एवं मिशन पोषण 02 अन्तर्गत ’’ पोषण भी, पढ़ाई भी’’ थीम के तहत् तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कलेक्टर जिला शहडोल डाॅ. केदार सिंह के निर्देशन एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास मनोज लारोकर के मार्गदर्शन में जिले अन्तर्गत संचालित 1562 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रदान किया जा रहा है।

जिले अन्तर्गत संचालित 1562 आंगनबाड़ी केन्दो की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ’’ पोषण भी, पढ़ाई भी ’’ प्रशिक्षण 18 बैच बनाकर दिया जा रहा है जिसमें प्रथम चरण में 24 मार्च 2025 से 26 मार्च 2025 तक 10 बैच के माध्यम से 882 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मास्टर ट्रैनर पर्यवेक्षकों के माध्यम से परियोजना अधिकारियों की उपस्थिति में प्रशिक्षण संचालित किया जा रहा है।

’’पोषण भी, पढाई भी’’ प्रशिक्षण अन्तर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ को 03 से 06 वर्ष के बच्चो में शाला पूर्व शिक्षा की आधारशिला एवं 0 से 03 वर्ष के बच्चों में नवचेतना गतिविधियों के संबंध में विस्तृत प्रशिक्षण आयोजित किए गए । 

आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण के प्रथम दिवस पढ़ाई- विषय पर प्री-टेस्ट, अपेक्षानुसार वातावरण, पोषण भी पढ़ाई भी के लिए तर्क, प्रारंम्भिक बाल शिक्षा के महत्व, बच्चों की आकांक्षाओं की समझ, बच्चों में विकास के क्षेत्रो का परिचय भाषा और साक्षरता विकास, अधिगम सहायकों का महत्व ( टी.एल.एम.) शैक्षणिक सामग्री व अधिगम सामग्री का निर्माण, कक्षा का संचालन एवं बच्चों के लिए एक दिनचर्या की योजना बनाना आदि विषय पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया। 

प्रशिक्षण के द्वितीय दिवस पोषण - विषय पर स्वस्थ बच्चे और मानव जीवन चक्र मं पोषण की भूमिका के बारे में चर्चा, पोषण संबंधी उपायो पर चर्चा और प्रस्तुति, माइक्रो सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी विकारों पर चर्चा एवं प्रस्तुति, पोषण परामर्श पर नाटिका, सेम-मेम बच्चों की पहचान रोकथाम प्रबंधन, स्तनपान के लाभ, स्तनपान की प्रारंम्भिक शुरूआत और कोलोस्ट्रम के लाभों की समझ, उचित स्थिरता और खाद्य विविधता के साथ आयु-विशिष्ट पूरक पोषण आहार का महत्व, 03 से 06 वर्ष के बच्चो के लिए पोषण एवं संतुलित आहार और आहार विविधता का महत्व, व्यक्तिगत स्वच्छता व सफाई, विकास निगरानी व मूल्यांकन के तकनीकें, बाल विकास में माता-पिता और समुदाय को शामिल करने का महत्व व रणनीतियां एवं बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण विषय पर प्रषिक्षण मास्टर ट्रैनरों द्वारा दिया गया। 

प्रशिक्षण कें तृतीय दिवस पोषण भी, पढाई भी- दिव्यांगता की पहचान समावेशन के अधिकार पर सामूहिक चर्चा, जांच अनुसूचियों पर केस स्टडी और चर्चा, बाल पालन प्रणालियों की देख-भाल करने वाले के प्रति जागरूकता पर सामूहिक चर्चा, 0 से 3 वर्ष के पोषण पर चर्चा, एक शिक्षण केन्द्र के रूप में मेरी आंगनवाडी एवं प्रशिक्षण के बाद प्रश्‍नोत्‍तरी और सहायक प्रतिबिंब प्रपत्र व प्रमाण पत्र वितरण किया जा कर 

प्रशिक्षण का समापन किया गया। उक्त प्रषिक्षण के गुणवत्ता की मानीटरिंग हेतु कलेक्टर डॉ. केदार सिंह द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को नियुक्त किया गया है साथ ही विभागीय स्तर पर संभागीय संयुक्त संचालक, महिला एवं बाल विकास विभाग शहडोल संभाग श्रीमती मंजूलता सिंह द्वारा परियोजना सोहागपुर एवं  जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज लारोकर द्वारा परियोजना गोहपारू, जयसिंहनगर, बुढार एवं ब्यौहारी में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम की गुणवत्ता की मानीटरिंग की गई एवं स्वयं उपस्थित रह कर प्रशिक्षण कार्यकम की उपयोगिता एवं परिणामो पर विस्तृत जानकारी उपस्थित प्रतिभागियों को प्रदान की गयी । प्रशिक्षण के द्वितीय चरण में 27 मार्च 2025 से 29 मार्च 2025 तक 08 बैच के माध्यम से शेष 680 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ को प्रशिक्षण प्रदान किया जावेगा।

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