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मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ ने जताया विरोध और कर रहे अनिश्चित कालीन प्रदर्शन


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drms news (शहडोल) मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ ने मुख्य सचिव, म.प्र. शासन, मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल के नाम कलेक्टर शहडोल को जिला राजस्व अधिकारियों के न्यायिक और गैर-न्यायिक विभाजन पर संवर्ग द्वारा पूर्व में स्थगित किए गए विरोध को पुनः प्रारंभ करने की सूचना के संबंध में कलेक्टर को जिले के नायब तहसीलदारों व तहसीलदारों ने सौंपा ज्ञापन और कलेक्ट्रेट परिसर में में स्थित भगवान श्री गणेश मंदिर के बगल में विरोध स्वरूप कार्य से विरक्त होकर बैठे।

मुख्य सचिव, म.प्र. शासन, को संपूर्ण जिलों से प्रेषित ज्ञापन 16 जुलाई 2025, इसी प्रकार  मुख्य सचिव, म.प्र. शासन, को समक्ष में दिया गया ज्ञापन 17 जुलाई 2025 जिसके के मौखिक आश्वासन पर विरोध स्थगित करने का पत्र  20 जुलाई 2025 के साथ राजस्व मंत्री ज्ञापन  26 जुलाई 2025  को दिया गया।

संघ ने ज्ञापन में उल्लेख किया है कि राजस्व अधिकारियों के न्यायिक और गैर-न्यायिक दो वर्गों में विभाजन के संदर्भ में मुख्य सचिव, म.प्र. शासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों एवं उनके क्रियान्वयन से संपूर्ण संवर्ग हतोत्साहित है। संदर्भित ज्ञापन 16 जुलाई 2025 के जरिए जिला इकाइयों ने एवं ज्ञापन 17 जुलाई 2025 के जरिए प्रांतीय कार्यकारिणी ने इस विभाजन योजना से उत्पन्न होने वाली संरचनात्मक, विधिक और व्यावहारिक समस्याओं से मुख्य सचिव, म.प्र. शासन को अवगत कराया था।

मुख्य सचिव, म.प्र. शासन द्वारा दिए इस आशय के मौखिक आश्वासन पर कि आगामी तीन माह तक यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मात्र 12 जिलों में ही लागू की जाएगी, राजस्व न्यायालयों को मर्ज नहीं किया जाएगा एवं गैर-न्यायिक (कार्यपालिक मजिस्ट्रेट) को आवश्यक संसाधन प्रदान किए जाएंगे।

संवर्ग ने अपना विरोध पत्र 20 जुलाई 2025 के जरिए स्थगित कर दिया था, किन्तु, मुख्य सचिव, म.प्र. शासन द्वारा आश्वासन के विपरीत विभाजन की यह योजना अन्य 09 जिलों (धार, भिंड, खरगौन, बालाघाट, मंदसौर, देवास, कटनी, मंडला, रीवा) में जिला कलेक्टरों द्वारा लागू की गई राजस्व न्यायालयों को मर्ज किया गया, मुख्य सचिव, म.प्र. शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के विपरीत और विचलन में विभाजन दिया गया, गैर-न्यायिक (कार्यपालिक मजिस्ट्रेट) राजस्व अधिकारियों को आवश्यक न्यूनतम स्टाफ और संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए। जिससे व्यथित होकर संवर्ग द्वारा राजस्व मंत्री को ज्ञापन 26 जुलाई 2025 के जरिए इस संरचनालक, विधिक और व्यावहारिक समस्याओं से अवगत कराया गया, जिस दौरान राजस्व मंत्री ने भी संवर्ग द्वारा उठाए गए समस्त बिंदुओं से सहमति व्यक्त करते हुए त्वरित कार्यवाही का आश्वासन दिया था, किन्तु उस पर भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।

मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ ने इन परिस्थितियों के दृष्टिगत, जिला इकाइयों ने प्रांतीय कार्यकारिणी कार्यकारिणी की आपात बैठक आहूत की जिसके अनुक्रम में 03 अगस्त 2025 को गूगल-मीट के माध्यम 45 जिलों के जिला अध्यक्षों/ प्रभारियों/ प्रतिनिधियों ने लगभग ढाई घंटे चली बैठक में सर्वसम्मति से  निर्णय लिए है कि 1. संवर्ग में विभाजन की इस योजना के पूर्ण रूप से वापस नहीं तक समस्त राजस्व अधिकारी आपदा प्रबंधन कार्यों को छोड़कर समस्त कार्यों से विरत रहते हुए जिला मुख्यालयों पर उपस्थित रहेंगे। कोई भी सामूहिक अवकाश/हड़ताल पर नहीं जाएगा, बल्कि सभी राजस्व अधिकारी जिला मुख्यालय पर उपस्थित रहेंगे। 2. चूंकि संवर्ग के विभाजन का मुख्य आधार कार्यपालिक दंडाधिकारी के कार्यों • का निर्वहन रखा गया है, जिसके आधार पर संवर्ग के 45% अधिकारियों को उनके मूल कार्य (राजस्व) से पृथक किया जा रहा है, अतः संवर्ग शासन से मांग करता है कि कार्यपालिक दंडाधिकारी की शक्तियां पुलिस विभाग या सामान्य प्रशासन विभाग या किसी भी अन्य विभाग को सौंप दें।

मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ के जिला इकाइयों द्वारा सर्वसम्मति से पारित इस निर्णयों के परिप्रेक्ष्य में उल्लेख किया है कि 1. संपूर्ण संवर्ग  06 अगस्त 2025 दिन बुधवार से जिला मुख्यालयों में उपस्थित रहकर आपदा प्रबंधन के कार्यों को छोड़कर समस्त कार्यों से विरत रहेगा।,  2. सभी अधिकारी अपने शासकीय वाहन जिलों में जमा करा देंगे एवं अपने डिजिटल सिग्नेचर के डोंगल सीलबंद कर एकत्र कर जिला अध्यक्ष को सौंपेंगे।, साथ ही जिलों के आधिकारिक व्हट्स एप ग्रुप छोड़ेंगे।,  3. प्रतिदिन शाम 6:00 बजे जिले की स्थापना शाखा में संयुक्त उपस्थिति पत्रक पर हस्ताक्षर कर अपनी उपस्थिति प्रस्तुत करेंगे।

संघ ने ज्ञापन में संदर्भित किया है कि इस दौरान परिवीक्षाधीन राजस्व अधिकारी इस विरोध से पृथक रहकर अपना प्रशिक्षण एवं परिवीक्षा दायित्वों का निर्वहन यथावत करते रहेंगे। मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ ने मांग की है कि संवर्ग की भावनाओं का ध्यान रखते हुए इस विभाजनकारी योजना को तथा राजस्व अधिकारियों को राजस्व के मूल कार्यों से पृथक करने के आदेशों को तत्काल प्रभाव से निरस्त करें, ताकि संवर्ग में एक सौहंद्रपूर्ण प्रशासनिक वातावरण बना रहे।

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